Table of Contents
सेतु भारतम योजना 4 मार्च 2016 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। यह सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को विभिन्न रेलवे क्रॉसिंग y 2019 से मुक्त करने की एक पहल थी। परियोजना के लिए आवंटित बजट रुपये था। 102 बिलियन, जिसका उपयोग लगभग 208 रेल ओवर और अंडर ब्रिज के निर्माण के लिए किया जाना था।
सेतु भारतम योजना सड़क सुरक्षा के महत्व की ओर ध्यान देने के साथ शुरू की गई थी। पहल का उद्देश्य उचित योजना और कार्यान्वयन के साथ मजबूत बुनियादी ढांचे का विकास करना है। इस परियोजना का लक्ष्य पुराने और असुरक्षित पुलों के नवीनीकरण के साथ-साथ नए पुलों का निर्माण करना होगा।
परियोजना के तहत, भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली (IBMS) की स्थापना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत नोएडा में इंडियन एकेडमी फॉर हाईवे इंजीनियर में की गई थी। परियोजना निरीक्षण इकाइयों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी पुलों का सर्वेक्षण करेगी। इस उद्देश्य के लिए लगभग 11 फर्मों की स्थापना की गई और लगभग 50,000 पुलों का सफलतापूर्वक आविष्कार किया गया था।
कुल 19 राज्य सरकार के रडार पर हैं।
निम्नलिखित पहचान किए गए पुलों की संख्या है-
राज्य | पहचाने गए आरओबी की संख्या |
---|---|
आंध्र प्रदेश | 33 |
असम | 12 |
बिहार | 20 |
छत्तीसगढ़ | 5 |
गुजरात | 8 |
हरयाणा | 10 |
हिमाचल प्रदेश | 5 |
झारखंड | 1 1 |
कर्नाटक | 17 |
केरल | 4 |
Madhya Pradesh | 6 |
महाराष्ट्र | 12 |
उड़ीसा | 4 |
पंजाब | 10 |
राजस्थान Rajasthan | 9 |
तमिलनाडु | 9 |
तेलंगाना | 0 |
उत्तराखंड | 2 |
Uttar Pradesh | 9 |
पश्चिम बंगाल | 22 |
कुल | 208 |
यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से मुक्त बनाने की दिशा में एक पहल थी। कुछ प्रमुख उद्देश्य थे:
यह परियोजना राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय राजमार्गों पर केंद्रित है। देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए पुलों का निर्माण एक प्राथमिक उद्देश्य था।
Talk to our investment specialist
इस परियोजना का उद्देश्य देश भर में लगभग 280 रेलवे ट्रैक के नीचे और ऊपर पुलों का निर्माण करना है। इस उद्देश्य के लिए गठित टीम की मदद से विभिन्न राज्यों को कवर किया गया।
इस परियोजना का उद्देश्य पुलों के सफल निर्माण के लिए वैज्ञानिक तकनीकों जैसे आयु, दूरी, देशांतर, अक्षांश सामग्री और डिजाइन का उपयोग करना है। नए पुलों के मानचित्रण और निर्माण में तकनीक उपयोगी साबित हुई है।
2016 में परियोजना की शुरुआत करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय पुल प्रबंधन प्रणाली के तहत देश भर में 1,50,000 पुलों की मैपिंग की जाएगी। तब से यह परियोजना इस उद्देश्य के लिए राज्यों का दौरा कर रही है।
पुल बनने से ट्रैफिक की समस्या कम होगी। इससे यात्रियों को गाड़ी चलाने के लिए ज्यादा जगह मिलेगी।
सुरक्षित रेलवे और राष्ट्रीय राजमार्ग पुल होने से यात्रियों में सुरक्षा की भावना भी आएगी। राजमार्ग और रेलवे ट्रैक आमतौर पर दुर्घटनाओं का स्थान होते हैं। पुलों के निर्माण से इस समस्या का समाधान होगा।
परियोजना के प्रमुख उद्देश्यों में से एक पुलों की गुणवत्ता में सुधार करना था। खराब गुणवत्ता वाले पुल कई दुर्घटनाओं का कारण बन रहे थे।
इस योजना ने एक टीम की स्थापना की अनुमति दी जिसे पुलों की गुणवत्ता की जांच करने और उन्हें ग्रेड देने के लिए सौंपा गया था। गुणवत्ता जितनी कम होगी, पुल के उन्नयन पर उतना ही अधिक ध्यान दिया जाएगा।
मार्च 2020 तक, योजना के कार्यान्वयन के कारण 50% से अधिक सड़क हताहतों में कमी देखी गई थी।
सेतु भारतम योजना को देश के बुनियादी ढांचे में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। पहले की तुलना में सड़क हादसों में कमी आई है। उम्मीद है कि सरकार और नागरिकों की मदद से आने वाले वर्षों में इसकी उम्मीद की जा सकती है।